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अवैध शिकार रोकने संवेदना अभियान की शुरुआत... सुरक्षा को लेकर वन विभाग की कवायद...

पंचायत टुडे - धरमजयगढ़ :- धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं अवैध शिकार को रोकने के संबंध में व्यापक स्तर पर संवेदना अभियान प्रारंभ किया जा रहा है । इस संबंध में धर्मजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि संवेदना अभियान का मुख्य उद्देश्य वन मंडल स्तर पर वन्य प्राणियों के शिकार की रोकथाम हेतु मुख्य रूप से अवैध विद्युत कनेक्शन से वन क्षेत्र में शिकार के उद्देश्य से हो रही वन्य प्राणियों, व्यक्तियों और पालतू पशुओं की असमय मृत्यु की रोकथाम करना है । उन्होंने बताया कि संवेदना अभियान के अंतर्गत स्थानीय ग्रामीणों को वन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा के बारे में अवगत कराना है इसके अलावा अवैध तरीके से जंगल में शिकार के उद्देश्य से बिछाए जाने वाले जी आई तार से होने वाले वन्य प्राणियों को नुकसान, स्थानीय ग्रामीणों की जनहानि और पशुधन के नुकसान के संबंध में अवगत कराना है । डीएफओ ने कहा कि संवेदना अभियान के अंतर्गत ग्रामीणों को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत अपराध एवं उनके सजा के प्रावधान आदि के बारे में अवगत कराया जाएगा और अपराध घटित होने के पूर्व ग्रामीणों को उनकी गंभीरता के बारे में अवगत कराया जाएगा । उन्होंने कहा कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा एक नैतिक और साझा जिम्मेदारी है । संवेदना अभियान के अंतर्गत पुलिस विभाग, विद्युत विभाग और राजस्व विभाग आदि के आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान करने एवं विद्युत कनेक्शन से होने वाली घटनाओं की रोकथाम करने के लिए वन विभाग संकल्पित है ।                           धरमजयगढ़ वन मंडल अधिकारी अभिषेक जोगावत ने इस संबंध में आगे बताया कि संवेदना अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी । जिनमें वन क्षेत्र में अवैध रूप से शिकार के उद्देश्य से अवैध विद्युत तार फैलाने वालों की पहचान करना, उन्हें समझाईश देना और समयपूर्व अपराध करने से रोकना तथा ग्रामीण स्तर पर चौपाल लगाकर स्थानीय ग्रामीणों को अवैध विद्युत तार से होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा करना, सुरक्षा दिलाना, संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना साथ ही विद्युत विभाग के सहयोग से सुधार करना आदि गतिविधियां शामिल हैं । इसके अलावा वाइल्ड लाइफ हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार और ग्रामीण और पुलिस के सहयोग से अपराध करने वाले के बारे में जानकारी देने वाले का नाम व पहचान गुप्त रखकर पारितोषिक वितरण करना । वन क्षेत्र के आसपास के स्कूलों में बच्चों को वन्यप्राणियों के संबंध में जागरुक करना और सुरक्षा शपथ दिलाना, पम्पलेट, दीवाल लेखन, चलचित्र, मुनादी, जागरूकता अभियान, एनजीओ, स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया व अन्य विभागों के माध्यम से प्राणियों की सुरक्षा में सहयोग प्राप्त करना इस अभियान की प्राथमिकता है ।

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