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लैलूंगा TSS के निलंबित सहायक समिति प्रबंधक विजय कुमार बेहरा को रिकवरी की राशि जमा किए बिना डी. आर. ऑफिस से बहाली के लिए बनाया जा रहा दबाव...



लैलूंगा :- रायगढ़ जिले के विकास खण्ड लैलूंगा अन्तर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैलूंगा और राजपुर हमेशा से ही सुर्खियों में बने रहना मानों इनके फितरत में सुमार है। धान खरीदी में भ्रष्टाचार तो किसानों के ऋण को लेकर घोटाला करना, पिछले धान खरीद सीजन सत्र 2022-23 में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैलूंगा पंजीयन क्रमांक 160 में पदस्थ सहायक समिति प्रबंधक बिजय बेहरा के ऊपर 17 लाख 25 हजार 525 रूपये की राशि का समिति के सक्षम अधिकारी के पूर्व अनुमति के बगैर आहरण कर गबन किया गया है । जिसके संबंध में लगातार समाचार पत्रों के माध्यम से खबरें प्रकाशित हुई। जिस पर रायगढ़ जिला कार्यालय से संयुक्त जांच टीम बनाई गई। जांच टीम द्वारा पाया गया कि 11 नवंबर 2022 से 14 फरवरी 2023 तक सहायक समिति प्रबंधक के रूप में पदस्थ विजय बेहरा ने  समिति के खाते से  बिना सक्षम आधिकारी के अनुमति बगैर आहरण कर गबन कर लिया है और जिसके संबन्ध में जांच में आरोप सिद्ध होने पर 22 अगस्त  2023 को उप पंजीयक कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक/उपरा/शाखा/2023 /1166 में सहायक समिति प्रबंधक विजय कुमार बेहरा को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैलूंगा, वर्तमान पदस्थापना आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित राजपुर पंजीयन क्रमांक 101 से निलंबित किया गया है । जिसके बाद भी विजय कुमार बेहरा ने दबंगई दिखाते हुए राजपुर मण्डी में लगातार आना जाना करता है । एवं विभाग द्वारा जांच करके वैधानिक कार्यवाही कर खयानत की राशि को जमा किए बिना बहाली कि कोशिश करना । आपको बता दें कि विजय कुमार बेहरा अपनी राजनैतिक और धन बल से पुन: आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित राजपुर पजीयन क्रमांक 101 में बहाली के लिए उप पंजीयक सहकारी संस्थाएँ रायगढ़ के द्वारा समिति को बहाल करने के लिए दबाव बनाने का कुत्शित प्रयास किया जा रहा है । शासकीय राशि के गबन के आरोप में विजय बेहरा को निलंबित किया गया है । विजय बेहरा के द्वारा उपरोक्त राशि को अभी तक जमा नही किया गया है । कार्यालय उप पंजीयक रायगढ़ के द्वारा दबाव बनाया जाना मतलब साफ है, कि विजय बेहरा की ओर से बिना नमक खाये तो डी. आर. ऑफिस के अधिकारी कर्मचारी किसी बंधुआ मजदूर तो नही हैं ? जिसके ऊपर 17, 25, 525 ( सत्रह लाख, पच्चीस हजार, पांच सौ, पच्चीस रूपये ) की गबन करने के बाद उसे पुन: बहाली कर देना कोई बेईमानी कम नही है । लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगने और आरोप सिद्ध होने के बाद पुनः बेहरा बंधुओं को धान खरीदी के लिए बहाली करना समझ से परे है । लेकिन एक बात निश्चित है कि विजय कुमार बेहरा के विरूद्ध आरोप सिद्ध होने के बाद बिना वसूली के बहाली की जाती है । तो आगामी धान खरीदी सत्र में किसी बड़े घोटाला होने की संभावना से इंकार नही किया जा है।

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