Breaking News

विकास के नाम पर ग्राम पंचायत बालकपोड़ी के ग्रामीणों के साथ सरपंच-सचिव ने की धोखा। ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर...


धरमजयगढ़ :- रायगढ़ जिले के विकास खण्ड धरमजयगढ़ के ग्राम पंचायत बालकपोड़ी में स्वच्छ भारत मिशन योजन के तहत भारत सरकार ने ग्राम पंचायत को लाखों रूपये शौचालय बनाने के नाम पर दिया गया था। जहाँ शासन के द्वारा दिये गये राशियों को सरपंच-सचिव के द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है। रजिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक में लगभग दर्जनों ग्राम पंचायत का यही हाल है। शौचालय के नाम पर ग्रामीणों को सिर्फ धोखा मिला है और सरपंच-सचिव मालामाल हो गये हैं। लाखों के घोटाले का किसी भी प्रकार का कोई जाँच पड़ताल नहीं हो रहा है नही शिकायत हो रही है। जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी जाँच के नाम पर अपनी जेब भरने का काम कर रहे हैं। यही कारण है कि ग्रामीणों को शौचालय के नाम पर भ्रष्टाचार का तीन दीवार ही नसीब हुआ है। सभी ग्राम पंचायतों को फर्जी तरीके से ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। इस फर्जी ओडीएफ का नतीजा है। कि लोग आज खुले में शौच जानै को मजबूर हैं। आज हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत बालकपोड़ी का इस पंचायत को भी लाखों रूपये शासन - प्रशासन के द्वारा दिया गया था। ताकि हर घर शौचालय निर्माण हो सके लेकिन शासन द्वारा दिये गये लाखों रूपये पर सरपंच-सचिव की नजर इस तरह लगी कि ग्रामीणों को उपयोग करने लायक शौचालय भी नसीब नहीं हुआ। सरपंच - सचिव द्वारा ग्रामीणों के घर में आधा अधूरा शौचालय निर्माण कर पूरी रकम को भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ दिया गया। ग्रामीणों ने हमारे  IND24 के रिपोर्टर को बताये कि सरपंच-सचिव द्वारा बनाये गये शौचायल उपयोग करने लायक नहीं हैं। लगभग सभी शौचालय को इतना घटिया निर्माण करवाया है कि लोगों के उपयोग करने लायक नही रह गया है। गाँव में ऐसे कई शौचायल देखने को मिला है जिसमें न तो सीट लगा है और न ही दरवाजा लेकिन इनके बाद भी ग्राम पंचायत बालकपोड़ी ओडीएफ ग्राम पंचायत है। जनपद पंचायत धरमजयगढ़ में शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों नहीं कई करोड़ों रूपये का हेरा फेरी किया गया है। अगर बालकपोड़ी पंचायत में सरपंच-सचिव द्वारा निर्माण किया गया शौचालय की अगर उचित जाँच किया जाये तो लाखों का घोटाला निकल कर सामने आ जायेगा। अब सवाल उठता है कि इस घोटाला की जाँच करेगा कौन? जाँच के नाम पर भी भारी भ्रष्टाचार किया जाता है। जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा जिसका जीता जागता उदाहरण है। जिसके वजह आज ग्रामीणों को मिलने वाली मुलभूत सुविधाएँ नहीे मिल रही हैं।


No comments